सपनों की मंज़िल पास नहीं होती Admin वीर रस की शायरी, जिंदगी << चेहरे की हंसी से हर ग़म छु... जिसकी सुबह अच्छी >> सपनों की मंज़िल पास नहीं होतीज़िंदगी हर पल उदास नहीं होतीख़ुदा पे यकीन रखना मेरे दोस्तकभी-कभी वो भी मिल जाता है जिसकी आस नहीं होती। Share on: