कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है जुदाई << ये कैफ़ियत है मेरी जान अब... तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो... >> कैसे कह दूँ कि मुलाक़ात नहीं होती है रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है! Share on: