कर लो एक बार याद ए रप्चिक वालो मुझको भी… Admin जुदाई << ये उदास शाम और तेरी ज़ालि... सिर्फ़ आवाज़ और लफ़्ज ही ... >> कर लो एक बार याद ए रप्चिक वालो मुझको भी….हिचकियाँ आए भी महीने हो गया… Share on: