लफ़्ज़ों की तरह मुझे किताबों में मिलना Admin किताबों पर शायरी, जुदाई << खामोश पलकों से जब आंशु आत... लहर आती है किनारे से पलट ... >> लफ़्ज़ों की तरह मुझे किताबों में मिलना,तू बन के महक मुझे गुलाबों में मिलना,जब भी मुझे तेरी याद आये तो,बनके आंसू मेरी आँखों में मिलना… Share on: