मौसमें मिज़ाज गुलज़ार कर गये Admin गुलज़ार शायरी व लाइफ, जुदाई << सुलगती रेत में अब पानी की... किस जगह रख दूँ मैं >> मौसमें मिज़ाज गुलज़ार कर गये.....वो मुस्कुरा कर क़र्ज़दार कर गये..!! Share on: