मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था जुदाई << अब के हम बिछड़े तो शायद क... जाते-जाते उसके आखिरी अल्फ... >> मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था! Share on: