आज बात करने से भी परहेज़ है उनको Admin शेर वो शायरी, दर्द << सच है जिस गरीब के पास दौ... उल्फ़त >> आज बात करने से भी परहेज़ है उनको,कभी आग़ोश के हमारे तलबगार थे वो...!!! Share on: