अगर धड़कने ही छिन नी थी Admin दर्द << मेरे बर्दाश्त करने का अंद... वादे करते हैं कसमे खाते ह... >> अगर धड़कने ही छिन नी थी, तोह इस पत्थर को दिल क्यों दिया.. Share on: