बसर तो कर रहे हैं हम आज भी तेरी गैर मोज़ूदगी में Admin ज़िन्दगी शायरी हिन्दी, दर्द << मुर्ख बन मैं सबको हसाता र... दर्द ने जब सर उठाया मैं ग़... >> बसर तो कर रहे हैं हम आज भी तेरी गैर मोज़ूदगी में,मगर ज़िन्दगी ने तो उसी दिन आखरी सांस ले ली थीजिस दिन तू इन नज़रों से ओझल हुआ था !! Share on: