मुर्ख बन मैं सबको हसाता रहा कभी ख़ुशी कभी गम लुटाता रहा Admin दर्द << बड़ी ही अजीब कशमकश है ज़ि... बसर तो कर रहे हैं हम आज भ... >> मुर्ख बन मैं सबको हसाता रहाकभी ख़ुशी कभी गम लुटाता रहा Share on: