चाहत का नकाब ओढ़कर आये कातिल हमारे Admin कातिल पर शायरी, दर्द << आपके इस शहर में गुज़ारा न... इन तुजुर्बो ने ये सिखाया ... >> चाहत का नकाब ओढ़कर आये कातिल हमारे,मझधार में ही डूब गए साहिल हमारे,न रुलाने की कसम देनेवाले ही छोड़ गए,आंसुओं के समुन्द्र आँखों में हमारे। Share on: