छोंड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में Admin अकेले की शायरी, दर्द << उसका सपना ही देखा था मेने... कहाँ तक किसका ग़म होगा >> छोंड़ गए हमको वो अकेले ही राहों में,चल दिए रहने वो गैर की पनाहों में,शायद मेरी चाहत उन्हें रास नहीं आयी,तभी तो सिमट गए वो औरों की बाँहों में। Share on: