दामन जब मेरे हाथ न आया तुझपे भी कोई दाग न आया पीछे मुड़के अब क्या Admin तेरी आंखे शायरी, दर्द << तब तेरा गम नसीब होता है ज... ख्वाईश ए इश्क भी खूब सज़ा... >> दामन जब मेरे हाथ न आया तुझपे भी कोई दाग न आयापीछे मुड़के अब क्या देखूं राह पे जब तू साथ न आयारख ली हथेली पे माथे को दर्द को जब दिल झेल न पायामेरी आंखें तुमसे जुदा हैं रात हुई पर चांद न आया Share on: