ख्वाईश ए इश्क भी खूब सज़ा देती हे Admin ख्वाइश पर शायरी, दर्द << दामन जब मेरे हाथ न आया तु... हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं... >> ख्वाईश ए इश्क भी खूब सज़ा देती हे,आग बनकर जो जवानी को जला देती हे.इतना भी ना दिल से किसी को प्यार करो तुम,इतनी चाहत भी मोहब्बत को गिरा देती हे Share on: