दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का Admin दोस्त को शायरी, दर्द << जो नज़र से गुज़र जाया करते ... जियो ऐसे जैसे कल हो अंत >> दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का...बस दो आंसू ही काफ़ी है,बयां करने को.....!! Share on: