हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ Admin आखिरी शायरी, दर्द << ख्वाईश ए इश्क भी खूब सज़ा... मंजिलों से अपनी दूर ना जा... >> हाँ हो गयी गलती मुझसे मैं जानता हूँ .पर अभी तुझे मैं अपनी जान मानता हूँ.एक आखरी मौका दे मुझे आज भी मैं तुझे अपनी शान मानता हूँ Share on: