हम भी कितने दीवाने निकले Admin जख्मी शायरी, दर्द << शिकायतें वहाँ होती हैं कितना अजीब है उसका >> हम भी कितने दीवाने निकले,किसको दर्द सुनाने निकले ।मुट्ठी में जिनके नमक भर था,उनको ही जख्म दिखाने निकले। Share on: