जिन्दगी की राह में गम का उजाला आता क्यूँ है जिसको चाहो वही रुलाता क्यूँ है किये Admin जिन्दगी कि शायरी, दर्द << मेरी तन्हाई पुछती हे मुझस... दर्द दर्द बस यही सबसे ज्... >> जिन्दगी की राह में गम का उजाला आता क्यूँ हैजिसको चाहो वही रुलाता क्यूँ हैकिये हुए सारे वादे यूँ भुलाता क्यूँ हैअपनेपन का एहसास दिलाता क्यूँ है,फिर अजनबी सा करके चला जाता क्यूँ है.जब रुलाना ही था तो फिर हसाता क्यूँ है... Share on: