कभी-कभी हालात ऐसे भी बनते है मैं अपने ही उसूलों से फिसल जाता हूँ इस जिंदगी को Admin सवाल शायरी, दर्द << निखरा था जब चाँद का चेहरा... कभी मिले फुर्सDZ >> कभी-कभी हालात ऐसे भी बनते हैमैं अपने ही उसूलों से फिसल जाता हूँइस जिंदगी को जब भी समझने बैठता हूँमैं अपने ही कुछ सवालों में उलझ जाता हूँ!! Share on: