कैसे लोग अपनों को दुख पहुंचाते हैं .हम तो सोचकर भी डर जाते हैं .जिन मां बाप ने बच्चों को ढेर सारा प्यार दिया.अपना तन,मन,धन उनपर निसार किया.वही बच्चे वृद्धावस्था में उन्हें ठुकराते हैं.हम तो सोचकर भी ...............जो लडकी मायका छोडकर ससुराल जाती है.बहू, पत्नी, भाभी का फर्ज निभाती है.दहेज के नाम पर उसे जलाते हैं .हम तो सोचकर भी ................आजकल पैसों का बोलबाला है .पैसों ने रिश्तों को बर्बाद कर डाला है .पैसे के लिए लोग कत्ल तक कर जाते हैं .हम तो सोचकर भी ..............