कोशिश बहुत की थी राज ए मोहब्बत ब्याँ न हो Admin दर्द << बिखर गए लफ्ज मेरे कभी सामने आईने के गलती से... >> कोशिश बहुत की थी राज ए मोहब्बत ब्याँ न हो..!पर मुमकिन कहाँ था कि आग लगे और धुआँ न हो....!! Share on: