मेरी महोब्बत की बस इतनी कहानी है Admin मोह शायरी, दर्द << मैं भी कभी हँसता खेलता था लफ्ज़ जब बरसते हैं बन कर ... >> मेरी महोब्बत की बस इतनी कहानी है,एक टूटी हुई कश्ती और सूखा हुआ पानी है,एक गुलाब उनकी किताब में दम तोड़ चुका,और उनको याद ही नहीं कि यह किसकी निशानी है।: Share on: