मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है Admin फिर मिलेंगे शायरी, दर्द << मेरी आँखें तेरे दीदार को ... क्यों दिल के मेरे टुकड़े ... >> मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी हैमैं फिर ना मिलूंगी कहीं ढूंढ लेनातेरे दर्द का ये असर आख़िरी है… Share on: