न ज़िद है न ग़ुरूर है हमें Admin गुरूर शायरी हिंदी, दर्द << कभी यूं भी तो हो ऐ ज़िंदग... कबसे बैठा हूँ मैं इंतेजार... >> न ज़िद है न ग़ुरूर है हमें ,बस तुम्हें पाने का सुरुर है हमें ,इश्क़ गुनाह है तो गुनाह ही सही ,सज़ा जो भी हो मंज़ूर है हमें ..!! Share on: