"मेरे बस में हो तो लहरों को इतना हक़ भी ना दूँ Admin लहरों पर शायरी, दर्द << दिल के सागर मे लहरे उठाया... खामोश हूँ सिर्फ तुम्हारी ... >> "मेरे बस में हो तो लहरों कोइतना हक़ भी ना दूँ...लिखूं नाम तेरा किनारे पेऔर लहरों को छूने तक ना दूँ..":d:d Share on: