वह नदियाँ नही आँसु थे मेरे Admin बहाने शायरी, दर्द << दर्द मिलता रहा दर्द सहते ... मेरी जिंदगी एक बंद किताब ... >> वह नदियाँ नही आँसु थे मेरे,जिनपर वह कश्ती चलाते रहे,मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,इसलिए हम आँसु बहाते रहे…! Share on: