वो मेरे रुबरु आया भी तो बारिशों के मौसम में मेरे आंसू बह रहे थे और Admin रब शायरी फेसबुक, दर्द << कुछ किस्से हैं कुछ वादें ... तरस जाओगे तुम महफ़िल-ए-वफ़ा... >> वो मेरे रुबरु आया भी तो बारिशों के मौसम मेंमेरे आंसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा Share on: