तरस जाओगे तुम महफ़िल-ए-वफ़ा के लिए Admin अदालत पर शायरी, दर्द << वो मेरे रुबरु आया भी तो ब... दिल तोड कर हमारा तुमको ... >> तरस जाओगे तुम महफ़िल-ए-वफ़ा के लिए,किसी से प्यार ना कर खुदा के लिए,.जब लगेगी इश्क़ की अदालत एक दिन,तुम ही चुने जाओगे सजा के लिए... Share on: