ये सिलसिला बना सा रहे तुमको हमसे गिला सा रहे प्यास आंखों की बुझाने के लिए Admin जख्मी शायरी, दर्द << दिल में एक जख्म यूं बनाया... उनकी गली को जबसे जाना बिस... >> ये सिलसिला बना सा रहे तुमको हमसे गिला सा रहेप्यास आंखों की बुझाने के लिए सैकड़ों जख्म हरा सा रहेऐ मेरे दिल ऐसे ख्वाब सजा कि टूट जाए तो मजा सा रहेजो मुझे अपना यार कहते हैं उनसे कुछ दूरी बना सा रहे Share on: