अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका Admin प्रेम << आजाद कर देंगे तुम्हे अपनी... बेताब तमन्नाओ की कसक रहने... >> अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका,दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती,साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको,तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती… Share on: