दीदार की आग Admin तेरा इंतजार शायरी, प्रेम << अरे! उस पगली को क्या पता ... आज ऊजालो में एक कमी सी रह... >> दीदार की आग, जब दिल में भड़कने लगती हैतुझे देखने को, मेरी आँखें तरसने लगती हैँ...बादलों के बरसने का हमें, इंतजार नहीं रहता.तेरी याद में ये आँखें, खुद ही बरसने लगती हैं. Share on: