ज़िन्दग़ी की राह में टकरा गया कोईइक रोशनी अँधेरे में दिखला गया कोई।वो हादसा वो पहली मुलाक़ात क्या कहूँ,कितनी अजब थी सूरत-ए-हालात क्या कहूँ।वो क़हर, वो ग़ज़ब, वो जफ़ा मुझको याद है,वो उसकी बेरुख़ी की अदा मुझको याद है।मिटता नहीं है ज़ेहन से यूँ छा गया कोई।: