जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते Admin नाय साल की शायरी 2016, प्रेम << यू तो अल्फाज नही हैं आज म... सिखा दिया दुनिया ने मुझे ... >> जो इस दुनियाँ में नहीं मिलते , वो फिर किस दुनियाँ में मिलेंगे जनाब..बस यही सोचकर रब ने एक दुनियाँबनायी , जिसे कहते हैं ख्वाब। Share on: