कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे Admin मुन्नी बेगम शायरी, प्रेम << जो गुजर गया मेरे चेहरे से कफ़न हटा कर ... >> कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगेहर सपना टूट जाता है हक़ीकत के आगेजिसने कभी झुकना सीखा नहीं दुनिया मेंवो भी झुक जाता है 'बेगम' के आगे... Share on: