लेकर आना उसे मेरे जनाजे में Admin आखिरी शायरी, प्रेम << पाना है जो मुकाम गीले काग़ज़ की तरह है ज़ि... >> लेकर आना उसे मेरे जनाजे में,एक आखरी हसीन मुलाकात तो होगी..मेरे जिस्म में जान न हो,मगर मेरी" जान" तो मेरे जिस्म केपास होगी.!! Share on: