मुझे ही नहीं रहा शौक़ -ए मोहब्बत वरना Admin प्रेम << तलाश मेरी थी और भटक रहा थ... चाँद के बिना अँधेरी रात र... >> मुझे ही नहीं रहा शौक़ -ए मोहब्बत वरना,तेरे शहर की खिड़कियाँ इशारे अब भी करती हैं... Share on: