उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैं साँसों का थमना लिखूँ Admin श्रृंगार पर शायरी, प्रेम << अदा उनकी क़यामत सी कातिल न... बेताबी >> उसकी देह का श्रृंगार लिखूँ या अपनी हथेली का अंगार लिखूँ मैंसाँसों का थमना लिखूँ या धड़कन की रफ़्तार लिखूँ.मैंजिस्मों का मिलना लिखूँ या रूहों की पुकार लिखूँ.मैंकैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ मैं... Share on: