बहुत समझाया ख़ुद को मगर समझा नही पाये Admin नाय साल की शायरी 2016, बेवफ़ाई << बेवफाई का डर था तो प्यार ... साथ में गुजारी हर वो >> बहुत समझाया ख़ुद को मगर समझा नही पाये,बहुत मनाया ख़ुद को मगर मना नही पाये,जाने वो क्या जज्बा था वो एहसास था,खूब भुलाना चाहा उसे हमने मगर भुला नही पाये Share on: