साथ में गुजारी हर वो Admin दोस्ती वाली शायरी, बेवफ़ाई << बहुत समझाया ख़ुद को मगर स... खुदा के दरबार मे तुम्हारी... >> साथ में गुजारी हर वो, शाम भूल गए,मोहब्बत वाली बातें, तमाम भूल गए,कायनात में कायम,बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे,फिर भी, गिला यही है कि तुम मेरा, नाम भूल गए. Share on: