इंसान जीवन में रिश्ते नातों को निभाता चला गया Admin जीवन पे शायरी, रिश्ते << दूरियां होते हुए भी मंजिल... जहाँ याद न आये तेरी वो तन... >> इंसान जीवन में रिश्ते नातों को निभाता चला गयाजीवन की इस दौड़ में खुद को भुलाता चला गयाबंदगी भी ना कर पाया उस खुदा की रहमतों कीखाली हाथ आया था और मुठी बंद कर चला गया। Share on: