दिल की जितनी भी परेशानी है सब तेरी ही मेहरबानी है आरजुओं का एक समंदर है Admin समंदर पर शायरी, हुस्न << जब भी तुम्हे देखा दिल ने ... जिस मोड़ पे तू मिल गई वहा... >> दिल की जितनी भी परेशानी है सब तेरी ही मेहरबानी हैआरजुओं का एक समंदर है और आंखों में कितना पानी हैफूल भी और चुभन भी है हुस्न की भी क्या जवानी हैचांदनी रात है सुलगती हुई आज दिल में आग तो लगानी है Share on: