तुम रहो हम से दूर तो इक काम कर जाना,कुछ पल अपने हमारे नाम कर जाना,अगर आ जाये मौत हमें तेरे आने से पहले,तो आ कर मेरे जनाज़े का एहतेराम कर जाना,न रोना इस क़दर के तकलीफ हो हमें,मौत को भी मजाक समझ कर अनजान बन जाना,मैं एक दिन सो जाऊंगा सदा के लिए, "ग़ालिब",फिर मुझे बेवफा कह के बदनाम कर जाना,जो गुजरो मेरी काबर से तो नज़रें न फेरना,मेहमान ही बन के दुआ सलाम कर जाना।