सुबह उजाले थे खड़ेइस इंतजार मेंतू कदम बड़ासूरज भी लाया प्रकाशतेरे साथ न हो कारवांबिना फिकर, तू कदम उठाआगे बढ़ ,क्यों देरतेरे हौंसले हैं बुलंदतो मंजिल कहाँ दूरबहने दे हवाओं कोबन कर आंधीये तूफान,कुछ कर न पायेंगेभले ही विशाल होकितना भी सागरतेरी छोटी हो नावडाल दे सागर मेंतेरे इरादों की पतवारसागरों को बौना कर देंगीतू खोज मुसीबतेंनिपट और आगे बढ़मुहँ छिपाना तेरा काम नहींदेख ,इससे पहलेसूरज तपे ,दुनिया चलेतू चल ,और सिर्फ चलतेरे चलने सेमंजिल करीब है