All English Shayari

ये ग़ाज़ी ये तेरे पुर-अस्रार बन्दे

ट्रेन मग़रिबी जर्मनी की सरहद में दाख़िल हो चुकी थी। हद-ए-नज़र तक लाला के तख़्ते लहलहा रहे थे। देहात की शफ़्फ़ाफ़ सड़कों पर से कारें ज़न्नाटे से गुज़रती जाती थ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

پانی رے پانی تیری بھی عجب کہانی

خالق ِ کائنات نے ہمیں ایک زمین اور سات سمندر عنایت کیے، یعنی ایک حصّہ خشکی ا ور سات حصّہ تری کے۔ وہ جانتا تھا کہ اُسکی مخلوقات کے لیے پانی کس قدر اہم ...

حمیدہ-چوپڑا

na minar mahlon ki shaukat bachegi

na minar mahlon ki shaukat bachegi ...

aarush-sarkaar

na minar mahlon ki shaukat bachegi

na minar mahlon ki shaukat bachegi ...

aarush-sarkaar

zara dhup us sil ko chhu le miyan

zara dhup us sil ko chhu le miyan ...

aarij-meer

dharti ki zaban sukh gai zard hui ghas

dharti ki zaban sukh gai zard hui ghas ...

aarij-meer

dharti ki zaban sukh gai zard hui ghas

dharti ki zaban sukh gai zard hui ghas ...

aarij-meer

बीमार-ए-ग़म

अभी तो ज़र्दी है रुख़ पे कम-कम, अभी से रोते हैं सारे हमदम ...

हिजाब-इम्तियाज़-अली

वो तरीक़ा तो बता दो तुम्हें चाहें क्यूँकर?

बहार की एक सुनहरी सुबह में सूफ़ी इत्मीनान से बैठी नफ़्सियाती मुबाहिसे की एक किताब के दलायल-ए-कूफ़ी के घोंटों की इमदाद से दिमाग़ में उतारने की कोशिश कर...

हिजाब-इम्तियाज़-अली

mera dil lala-ru ke gham ke rahne ki haweli hai

mera dil lala-ru ke gham ke rahne ki haweli hai ...

aarifuddin-aajiz

डालन वाला

हर तीसरे दिन, सह-पहर के वक़्त एक बेहद दुबला पुतला बूढ़ा, घुसे और जगह-जगह से चमकते हुए सियाह कोट पतलून में मलबूस, सियाह गोल टोपी ओढ़े, पतली कमानी वाली छो...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

shor uske makan se uThta hai

shor us ke makan se uthta hai ...

aarif-zaman

अंगूठी की मुसीबत

(1) ...

मिर्ज़ा-अज़ीम-बेग़-चुग़ताई

मेरा नाम राधा है

ये उस ज़माने का ज़िक्र है जब इस जंग का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। ग़ालिबन आठ नौ बरस पहले की बात है जब ज़िंदगी में हंगामे बड़े सलीक़े से आते थे। आज कल की तरह न...

सआदत-हसन-मंटो

क़ैदख़ाना

अबे ओ राम लाल, ठहर तो सही। हम भी आ रहे हैं। ...

अहमद-अली

kamal-e-ishq mein soz-e-nihan baqi nahin rahta

kamal-e-ishq mein soz-e-nihan baqi nahin rahta ...

aarif-naqshbandi

kamal-e-ishq mein soz-e-nihan baqi nahin rahta

kamal-e-ishq mein soz-e-nihan baqi nahin rahta ...

aarif-naqshbandi

सुना है आलम-ए-बाला में कोई कीमिया-गर था

फिर शाम का अंधेरा छा गया। किसी दूर दराज़ की सरज़मीन से, न जाने कहाँ से मेरे कानों में एक दबी हुई सी, छुपी हुई आवाज़ आहिस्ता-आहिस्ता गा रही थी, ...

क़ुर्रतुलऐन-हैदर

husn ki jitni baDhin ranaiyan

husn ki jitni badhin ranaiyan ...

aarif-naqshbandi

husn ki jitni baDhin ranaiyan

husn ki jitni badhin ranaiyan ...

aarif-naqshbandi
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