सभी हिंदी शायरी

हुस्न की जितनी बढ़ीं रानाइयाँ

हुस्न की जितनी बढ़ीं रानाइयाँ ...

aarif-naqshbandi

हुस्न की जितनी बढ़ीं रानाइयाँ

हुस्न की जितनी बढ़ीं रानाइयाँ ...

aarif-naqshbandi

तिलिस्म-ए-होश-रुबा है कमाल रखता है

तिलिस्म-ए-होश-रुबा है कमाल रखता है ...

aarif-akhtar-naqvi

तिलिस्म-ए-होश-रुबा है कमाल रखता है

तिलिस्म-ए-होश-रुबा है कमाल रखता है ...

aarif-akhtar-naqvi

आज भी याद-ए-यार बाक़ी है

आज भी याद-ए-यार बाक़ी है ...

aarif-akhtar-naqvi

आज भी याद-ए-यार बाक़ी है

आज भी याद-ए-यार बाक़ी है ...

aarif-akhtar-naqvi

किस हथेली पे पा-पोश सींचे गए किस कहानी को बे-नाम रखा गया

किस हथेली पे पा-पोश सींचे गए किस कहानी को बे-नाम रखा गया ...

aamir-suhail

किस हथेली पे पा-पोश सींचे गए किस कहानी को बे-नाम रखा गया

किस हथेली पे पा-पोश सींचे गए किस कहानी को बे-नाम रखा गया ...

aamir-suhail

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं ...

aalok-shrivastav

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं ...

aalok-shrivastav

वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता है

वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता है ...

aalok-shrivastav

वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता है

वही आँगन वही खिड़की वही दर याद आता है ...

aalok-shrivastav

ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात

ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात ...

sahir-ludhianvi

वो जिन में तेरी ख़ुशबू बस गई थी

वो जिन में तेरी ख़ुशबू बस गई थी

dr.-yasin-aatir

अगर सफ़र में मिरे साथ मेरा यार चले

अगर सफ़र में मिरे साथ मेरा यार चले ...

aalok-shrivastav

अगर सफ़र में मिरे साथ मेरा यार चले

अगर सफ़र में मिरे साथ मेरा यार चले ...

aalok-shrivastav

दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो

दिल हिज्र के दर्द से बोझल है अब आन मिलो तो बेहतर हो ...

ibn-e-insha

ज़ब्त कर के हँसी को भूल गया

ज़ब्त कर के हँसी को भूल गया ...

jaun-eliya

ख़्वाबों से यूँ तो रोज़ बहलते रहे हैं हम

ख़्वाबों से यूँ तो रोज़ बहलते रहे हैं हम ...

aale-ahmad-suroor

वो तसव्वुर में तो आता है चला जाता है

वो तसव्वुर में तो आता है चला जाता है ...

aalam-nizami
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