नीलाम कुछ इस कदर हुए Admin दिल लगाने शायरी, Dard << जिसको आज मुझमें हज़ारों ग... बेहद हदें पार की थी हमने ... >> नीलाम कुछ इस कदर हुए,बाज़ार-ए-वफ़ा में हम आज,बोली लगाने वाले भी वो ही थे,जो कभी झोली फैला कर माँगा करते थे! Share on: