"किस हद तक जाना है ये कौन जानता है Admin Dard << साथ जब भी छोड़ना न रुकी वक़्त की गर्दिश और... >> "किस हद तक जाना है ये कौन जानता है,किस मंजिल को पाना है ये कौन जानता है,दोस्ती के दो पल जी भर के जी लो,किस रोज़ बिछड जाना है ये कौन जानता है" Share on: