आ गई फिर उन को मेरी याद क्या कर लिया ताज़ा सितम ईजाद क्या कम सितम थी यूरिश-ए-बग़दाद क्या अब निशाना है मिरे जल्लाद क्या दोस्तों में आज कैसे आ गए हिल गई तन्हाई की बुनियाद क्या सदियों पहले के वही मैं और तुम वर्ना शीरीं कौन है फ़रहाद क्या मेरी तख़लीक़ात क्या देंगी मुझे काम आती है कभी औलाद क्या मैं तो हूँ मेहर-ओ-मोहब्बत का अमीं मसअला ये है कि मेरे बा'द क्या