आब-ओ-गिल और कुछ हवा दुनिया बस यही है तिरे सिवा दुनिया थोड़ी ख़ुशियाँ हैं थोड़ी तकलीफ़ें और थोड़ी सी है दुआ दुनिया अब मैं उस को कहाँ-कहाँ ढूँडूँ जिस के बाइ'स हुई रवा दुनिया ऐसा शायद कभी हुआ होगा जब हुई मेरी हम-नवा दुनिया पहले धुँदला सा इक तसव्वुर थी तुझ से मिल कर हुई है वा दुनिया