आग पानी में फ़रोज़ाँ देखो तुम भी उस घर का चराग़ाँ देखो वहशत-ए-ख़्वाब-ए-गुरेज़ाँ देखो लज़्ज़त-ए-दीद का उनवाँ देखो देख कर ही तुम्हें ख़ुश हो जाऊँ मेरी आसूदगी-ए-जाँ देखो अपने ही लम्स पे है उस का गुमाँ मेरा इरफ़ाँ मिरा विज्दाँ देखो मैं बुलंदी नहीं पाताल में हूँ देखो पाओ तो तह-ए-जाँ देखो